फोटो कोलाज उन मेहनत कश इंसानों का जो हमारे लिए आरामगाह बनाते हैं. और खुद टीन के डब्बों में रहते हैं. वर्धा में इस समय तामपान 50डिग्री से अधिक हो जाता है. जब लोग घरों से निकलने के बारे में भी नहीं सोचते, उस वक्त यह लोग हमारे लिए काम कर रहे होते हैं. और मजदूरी के नाम पर सिर्फ दो वक्त की रोटी ही मिलपाती है.
Photo:- नरेश गौतम
महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा
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