विद्यार्थियों, शिक्षकों, प्रशासकों
व संस्थानों के सहयोग के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग [यु.जी.सी] द्वारा निम्न दिशा-निर्देश ज़ारी किये गए हैं. ये दिशा-निर्देश
देश के समस्त कॉलेजों व विश्वविद्यालयों [इसमें उच्च
शिक्षा से जुड़े सभी संस्थान शामिल हैं, चाहे उन्हें कॉलेज या
विश्वविद्यालय ना कहा जाये], पर बिना किसी अपवाद के लागु
होगें. ये सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के लिए
अनिवार्य होगा की वो इन्हें अपने विवरणिका [Prospectus]
व वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर जगह दें.
इन
अधिकारों को लागु करना शैक्षणिक संस्थानों, प्रशासकों, निति निर्माताओं,
शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य होगा. अगर इन अधिकारों को
लागु नहीं किया जाये तो विद्यार्थी शिकायत व पूर्ति अधिकारी से शिकायत कर सकता है.
इन अधिकारों के सन्दर्भ में कोई भी गंभीर या गैर-ज़िम्मेदाराना अवहेलना यु.जी.सी के
सूचना में लाई जा सकती है, और साथ ही गलती करने वाले के
खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती है. कुछ
उल्लेखित प्रावधान यु.जी.सी के नियमों व दिशा- निर्देशों में पहले से ही शामिल
हैं. लेकिन विद्यार्थियों को उन सभी नियमों व दिशा-निर्दशों
का लाभ उठाना चाहिए जो यहाँ शामिल नहीं हैं:-
1.] प्रवेश
1.1] किसी
भी पाठ्यक्रम के घोषणा या प्रचार के समय ये स्पष्ट किया जाये कि प्राप्त होने वाली डिग्री यु.जी.सी द्वारा
सुनिश्चित हो और दुसरे जुड़े हुए प्रावधान [यु.जी.सी
एक्ट, 22 स के अंतर्गत, नवीन सूची
यु.जी.सी. के वेबसाइट पर उपलब्ध] और डिग्री प्रदान करने वाला विश्विद्यालय
यु.जी.सी. द्वारा निर्मित सूची में उपलब्ध हो. [सूची यु.जी.सी के वेबसाइट पर
उपलब्ध].
1.2]
प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को विवरणिका [Prospectus]
प्राप्त करने का अधिकार है, जिसमें पाठ्यक्रम
का नाम, अकादमिक रूपरेखा और शिक्षकों की विशेषज्ञता, मूल्यांकन का तरीका, पाठ्यक्रम की अवधि, अकादमिक कैलेन्डर, शिक्षण शुल्क व अन्य शुल्कों के
बारे में स्पष्ट सूचना हो. विवरणिका[Prospectus] में दी
गई सूचना पाठ्यक्रम के दौरान ना बदली जाये, जिससे की
विद्यार्थियों को कोई असुविधा हो, अगर किसी भी प्रकार का कोई
बदलाव अनिवार्य हो तो हर विद्यार्थी को व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जाये, कारण के साथ.
1.3]विवरणिका [Prospectus] में प्रवेश से जुडी प्रक्रियाओं व
योग्यताओं को स्पष्ट किया जाये. इस प्रक्रिया में विगत अकादमिक प्रदर्शन, प्रवेश परीक्षा व साक्षात्कार को महत्त्व दिया जाये. प्रवेश परीक्षा के
लिए पाठ्यकर्म व रुपरेखा स्पष्ट की जाये. प्रवेश परीक्षा में बैठे अभियार्थियों
द्वारा प्राप्त कुल अंक व वेटिंग लिस्ट उन्हें उपलब्ध कराया जाये.
1.4]
आरक्षण के सन्दर्भ में सूचना या वर्ग विशेष का कोटा, इन
आरक्षणों के लिए योग्यता, प्रवेश के लिए ज़रूरी प्रमाण पत्रों
की सूचना विवरणिका [Prospectus] में
स्पष्ट किया जाये.
1.5] जिन
कागजातों या प्रमाण-पत्रों का उल्लेख विवरणिका [Pospectus]
में ना हो उन्हें विद्यार्थियों से जाँच के लिए प्रस्तुत करने के
लिए ना कहा जाये. जबकि संस्थान विद्यार्थी से जाँच के लिए मूल कागजातों या
प्रमाण-पत्रों की मांग कर सकता है[ जैसे स्थानान्तरण प्रमाण पत्र, प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदी]. संस्थान किसी
विद्यार्थी का मूल प्रमाण पत्र नहीं रख सकता. [As notified by UGC on 23rd April 2007, F. No. 1-3/2007(CPP II)]
2.] अध्ययन और अधिगम का स्तर
2.1] ये
कॉलेजों व विश्वविद्यालयों की ज़िम्मेदारी है कि विद्यार्थियों में अधिगम [सीखने]
के गुणों का विकास करे, उन्हें सीखने के लिए ऐसा वातावरण
दिया जाए जो उच्च स्तर का हो. विद्यार्थियों को ये भी अधिकार है की वो शिक्षण से
जुडी सामग्री संस्थान द्वारा पारित सभी भाषाओं में शिक्षण व परीक्षा के लिए पा
सकते हैं.
2.2] वो
विद्यार्थी जो अपने सामाजीक पिछड़ेपन या शिक्षण माध्यम में बदलाव के कारण कठिनाई का
सामना करते हैं उन्हें विशेष सहयोग प्राप्त करने का अधिकार है.
2.3]
विद्यार्थियों को ये भी अधिकार है की उन्हें प्रशिक्षित शिक्षक, शिक्षण अवधि, हर पाठ्यकर्म के लिए संपर्क समय,
जैसी जानकारियां दी जाए व पाठ्यक्रम समय पर पूरा किया जाये.
[शिक्षकों के निम्नतम शेक्षणिक योग्यताओं के लिए देखें यु.जी.सी के दिशा-निर्देश—2010]
2.4] विद्यार्थियों
को ये भी अधिकार है की उन्हें उचीत सुविधाएँ, सेवाएं व
संसाधन दिए जाये, जैसे-पुस्तकालय [उसकी पाठ्यपुस्तकें,
सन्दर्भ पुस्तकें, जर्नल्स, ई-संसाधन आदि] प्रयोगशालायें और ICT की भाषाओं से
जुड़ी सुविधाएँ शिक्षण के माध्यम व परीक्षा दोनों के लिए.
2.5]
विद्यार्थी इसके भी अधिकारी हैं कि उनका उचित, पारदर्शी व
समय पर मूल्यांकन हो. मूल्यांकन प्रक्रिया में कोई भी शिकायत आने पर उनके उत्तर
पुस्तिकाओं का पुनः परिक्षण व मूल्यांकन हो. विद्यार्थियों को ये भी अधिकार है कि उन्हें परिणाम की घोषणा के बाद उत्तर
पुस्तिकायें दी जाये.
2.6]
विद्यार्थी इसके अधिकारी हैं कि उनके लिए समय पर परीक्षा आयोजित हो और विवरणिका [Prospectus] में दर्ज़ अकादमीक कैलेन्डर के अनुसार परिणाम घोषित किया जाये. वो इसके
हकदार हैं कि उनके परिणाम
घोषीत हो जाने के 180 दिनों के भीतर उनको डिग्री प्रदान कर दी जाये.
2.7]
विद्यार्थी इसके अधिकारी हैं कि वो शिक्षण के स्तर व संस्थान के ढांचा के बारे में नियमीत प्रतिक्रिया
दें. कॉलेज व विश्वविद्यालय इसकी व्यवस्था करे की वो विद्यार्थियों से इन
प्रतिक्रियायों को नियमित रूप से लें और इसका उपयोग संस्थान के समीक्षा व संवर्धन
के लिए करे.
3.] शुल्क और आर्थीक मदद
3.1]
विद्यार्थी इसके अधिकारी हैं कि उन्हें कुल रकम व शुल्क, भुगतान के माध्यम व
भुगतानों की सूचना पूर्व में दी जाये. अगर विद्यार्थी किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश
से पहले छोड़ता है तो अधिकतम 1000/- काटने के बाद,
उसे बाकी राशी का भुगतान कर दिया जाये.[As notified by UGC on 23rd April2007, F. No. 1-3/2007 (CPP II)]
3.2] कॉलेज व विश्वविद्यालय अपने तरफ से भरसक कोशिश
करेगें कि वो आर्थीक संसाधनों के आभाव में रहे किसी विद्यार्थी को स्तरीय शिक्षा के
अवसर से वंचित नहीं करेगा. यह निति निर्मातावों की जिम्मेदारी है कि वो
इन नीतियों को लागु करने के लिए उचित कोष की व्यवस्था करें. साथ ही विवरणिका [Prospectus]
में छात्रवृत्ति/शोधवृती व आर्थिक सहायता योजना के बारे में
विद्यार्थी को जानकारी उपलब्ध कराया जाये. साथ ही
चयन प्रक्रिया पूर्णत: वैधानिक व पारदर्शी हो.
4.] आधारभूत संरचना:-
4.1]
विद्यार्थी इसके अधिकारी हैं कि उन्हें उचित संसाधन उपलब्ध कराये जाये, जैसे-क्लासरूम,
पुस्तकालय, प्रयोगशाला और अन्य अकादमिक
सुविधाएँ जो उच्च शिक्षा के लिए ज़रूरी हों. [UGC rules and regulations for fitness of
universities and colleges for Grants under section 12 B of the UGC Act 1956,
Private University Regulation, Deemed University Regulation]
4.2] विद्यार्थी
इसके अधिकारी हैं कि उन्हें खेलकूद और मनोरंजन की सुविधायें, सहित और अन्य दूसरे क्रियाकालापों के लिए
सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाये.
4.3]
विद्यार्थी इसके अधिकारी हैं कि उनकी चिकिस्ता व स्वास्थ्य से जुडी ज़रूरतें पूरी की जाये, जैसे मुफ्त व क्रमिक स्वास्थ्य जाँच और उपचार की सुविधा व आपातकाल के
स्थिति में हॉस्पिटल की सुविधा.
4.4]
विद्यार्थी इसके अधिकारी हैं कि उन्हें उचित, साफ-सुथरा छात्रावास उपलब्ध कराया जाये,
जिसमे सारी मुलभूत सुविधाएँ हो. ऐसे आवास किफायती हों व संस्थान
द्वारा इसका उपयोग किसी और उद्देश्य के लिए ना
किया जाये.
4.5]
शारीरिक रूप से अक्षम विद्यार्थी को विश्वविद्यालय की सभी योजनाओं, सुविधाएँ व सेवाएं बिना भेदभाव के उपलब्ध कराई जाएँ. कॉलेज व विश्वविद्यालय ये कोशिश करे कि वो इस तरह के पाठ्यक्रम की रचना करे,
जो अधिकतम विद्यार्थियों को संबोधित करे, जिनमें
उनके लिए निम्नतम अवरोध व अधिकतम सीखने के अवसर हो. शारीरिक रूप से अक्षम सभी
विद्यार्थियों के लिए विशेष पुस्तकालय उपलब्ध कराये जाये[ जैसे-ब्रेल और ICT
संसाधन, सांकेतीक भाषा को समझने वाले
दुभाषियों की उपलब्धता, आवश्यक यंत्रों व इलेक्ट्रॉनिक
संसाधनों की उपलब्धता और शारीरिक रूप से अक्षम
विद्यार्थियों के लिए परिक्षा में छूट. [(Equal Opportunity, Protection of Rights and Full Participation)
Act, 1995; UGC
D.O.No.F-6-1/2006 (CPPII),
F.No.6-1/2012 (SCT)]
5.] विद्यार्थियों को ये भी अधिकार है कि उनके साथ
बिना किसी भेदभाव के व्यवहार किया जाये [अर्थात् प्रर्त्याडना या बहिष्कार के लिए
जगह ना हो]. संस्थान अपने किसी भी आयाम व क्रिया कलाप में जाति, लिंग, नस्ल, रंग, धर्म, जन्मस्थान, राजनितिक
मान्यतायों आदि को निषेध करेगा.
5.1]
विशेषतः किसी भी क्षेत्र या समूह से नाता रखने वाले पिछड़े जाति और आदिवासी
विद्यार्थियों के साथ संस्थान किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं करेगा.[ [UGC (Promotion of Equity in Higher
Educational Institutions) Regulations, 2012]
5.2] विद्यार्थियों को ये भी अधिकार है कि वो यौन हिंसा की स्थिति में, गठित समिति से
शिकायत कर सकते है. ये हर कॉलेज या विश्वविद्यालय के लिए ज़रूरी है कि वो इस समीती की आम सूचना दे औए ये समिति
उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों व नियमों का पालन करे. [Vishaka and Others vs. State of Rajasthan and Others (JT
1997 (7) SC 384)]
5.3]
सभी विद्यार्थियों को रैगिंग से बचने का अधिकार है. [UGC (Curbing the Menace of Ragging)
Regulation, 2009]
6.]
लोकतंत्र का नागरिक होने के नाते विद्यार्थियों को संस्थान के अन्दर व बाहर अपने
विचारों को अभिव्यक्त करने का पूर्ण अधिकार है. संस्थान विचारों के आदान-प्रदान के
लिए एक मंच उपलब्ध कराये जिससे विद्यार्थियों में सांस्कृतिकता, आलोचनात्मकता व तार्किकता विकसित
हो सके.
7.] विद्यार्थियों को संगठन
और संघ बनाने का अधिकार है, जिसमें छात्र संघ के
प्रतिनिधियों को वो सीधे तौर पर चुन सकते है. इन प्रतिनिधियों को कॉलेज या विश्वविद्यालय स्तर पर आतंरिक स्तरीय मुल्यांकन, शिकायत समितियों और अकादमिक
समितियों में भाग लेने का अधिकार होगा. कॉलेज या विश्वविद्यालय
इस तरह की कार्यप्रणाली अपनाये जिसमें वो विद्यार्थियों
के सन्दर्भ में लिए जाने वाले मुख्य निर्णयों को लागु करने से पहले छात्र
प्रतिनिधियों से सलाह-परामर्श लें.
8.] विद्यार्थियों को ये भी अधिकार है कि जिस भी संस्थान
में वो पढ़ रहे है या पढ़ना चाहते, उसके
बारे में उन्हें पूर्ण व सही जानकारी दी जाये. अतः ये हर कॉलेज या विश्वविद्यालय के लिए ज़रूरी है कि वो निम्नलिखित जानकारियाँ अपने वेबसाइट, विवरणिका [Prospectus]
पर उपलब्ध कराये, जैसे-संस्थान की स्थिति,
मान्यता, प्राप्त रेटिंग, भौतिक संसाधन व संपत्ति, कार्यकारी समूहों की
सदयस्ता और संस्थान के आय के स्रोत और आर्थिक स्थिति व अन्य जानकारियां जो
विद्यार्थी के लिए ज़रूरी हो. [Section 4 (1) of Right to Information Act 2005]
9.]
विद्यार्थियों को अपने शिकायत का समाधान शिकायत व समाधान समिति से 10 दिनों के भीतर प्राप्त करने का अधिकार है. अगर वो संतुष्ट ना हो तो उन्हें विश्वविद्यालय के मुखिया के समक्ष शिकायत दर्ज़
करने पर 30 दिनों के भीतर समाधान प्राप्त करने का अधिकार है.
[UGC (Grievance
Redressal) Regulations, 2012]
10.] यु.जी.सी इन सभी दिशा-निर्देशों को सटीक रूप से
लागू करने के लिए निर्देश जारी कर सकती है.
Translated by—Rakesh K. Mishra
M.phil Comparative Literature and Translation Studies
Central University of Gujarat
e-mail—rakeshansh90@gmail.com
M.phil Comparative Literature and Translation Studies
Central University of Gujarat
e-mail—rakeshansh90@gmail.com
These guidelines have been issued by the University Grants Commission
(UGC) in order to help students, teachers, administrators and institutions
understand what the minimum entitlements of the students are. These guidelines
apply to all the colleges and universities in the country (this expression
includes every institutions of higher education even if it is not called
college/university) without any exception. It shall be mandatory for every
college/university to publish the present Guidelines in full in its Prospectus
and also post it on the homepage of its website.
Fulfillment of these entitlements imposes obligations on educational
institutions, administrators, policy makers, teachers and students themselves.
If these obligations are not met, a student can approach the Grievance
Redressal Authority or the Ombudsman. Any serious or persistent violation of
these Guidelines can be brought to the notice of the University Grants
Commission and can be the basis of punitive action against the offender.
Some of the provisions stated here are already covered by existing
laws or Rules and Regulations of the UGC. But the students shall continue to
enjoy all the right under existing laws, rules and regulations which may not
have been mentioned in these Guidelines.
1. Admission
1.1. An announcement or advertisement for any course of study must clearly
specify whether the degree granted is notified by the UGC and other relevant
statutory authorities [Under Section 22 c of the UGC Act, latest list available
at the UGC website] and whether the university that awards the degree figures
in the list of universities maintained by the UGC [available at the UGC
website].
1.2. A student seeking admission is entitled to a document (usually called
‘Prospectus’) that specifies the curricula including syllabi, names and
academic profile and status of the faculty, mode and frequency of evaluation,
duration of the course, academic calendar, comprehensive information about fees
or charges of any kind, and refund rules. The information given in the
prospectus should not be changed to the disadvantage of the student during the
course of study; any change if necessary must be communicated to each student
individually spelling out reasons for such a change.
1.3. The Prospectus must spell out exactly the process and criteria for
admissions. This includes weightage given to previous academic performance,
entrance examination and interview. The syllabi and format of the entrance
examination must be spelt out. The final scores of each candidate who appeared
for entrance examination including all the components and the entire waiting
list must be made public.
1.4. Information about any reservations or quota for any category, the
eligibility criteria for these reservations/quotas, certificate required for
seeking admission under these must be stated clearly in the Prospectus.
1.5. The student must not be asked to produce documents which have not been
mentioned in the Prospectus. While the institution can ask the student to
produce the original documents (such as School Leaving Certificate, Marksheet,
Caste certificate) for verification, they cannot retain
2. Quality of teaching and learning
2.1. It is the responsibility of the college/university to help the
students develop their learning skills by facilitating the creation of learner
centric environment conducive for quality education. The students are entitled
to receiving instruction and reading material in all the languages allowed by
the institution as medium of instruction or examination.
2.2. The students who begin with a difficulty due to social handicap or a
shift in the medium of instruction are entitled to special support to bridge
the gap.
2.3. The students are entitled to availability and presence of qualified
teacher, fulfillment of the specified number of teaching days and contact hours
for each course and completion of syllabus on time. [UGC Regulations on Minimum
Qualification of Teachers… 2010]
2.4. The students are entitled to reasonable access to facilities, services
and resources including library (that stocks textbooks, reference books,
journals, e-resources), laboratories, and ICT facilities in the languages
permitted as medium of instruction or examination.
2.5. The student are entitled to fair, transparent and timely evaluation,
including fair provisions for timely re-checking or re-evalutation of the
scripts and redressal of any grievance related to the evaluation process. The
students are entitled to a copy of their answer scripts after the declaration
of results.
2.6. The students are entitled to timely conduct of examination and
declaration of results as specified in the academic calendar in the Prospectus.
They shall be entitled to the award of degree within 180 days of the
declaration of results.
2.7. The students are entitled to give regular feedback on the quality of
teaching, students services and institutional infrastructure. The
college/university shall establish mechanisms for seeking this feedback
regularly and taking student feedback into account for review and improvement.
3. Fee and financial aid
3.1. The students are entitled to prior and full information about amount,
components, frequency and mode of any kind of payment including fees or charges
of any other kind and refund rules.
If a student
withdraws before the beginning of the course, the student should be refunded
the
entire fee given to
it with a maximum deduction of Rs. 1000. [As notified by UGC on 23rd April 2007, F. No. 1-3/2007 (CPP II)]
3.2. A college/university will make utmost effort to ensure that no student
is deprived of opportunities of quality education for lack of sufficient
financial resources. It is the responsibility of the policy makers to ensure
that sufficient funds are made available to implement this principle. The
Prospectus shall contain consolidated information about scholarship/fellowship/financial
aid scheme of any type that that is available to the students. It shall bring
to notice and assist the students in accessing such schemes. It shall ensure
that the procedure for selection is fair and transparent.
4.1. The students are entitled to access to appropriate resources including
classrooms, libraries, laboratories and other academic facilities necessary for
quality education. [UGC rules and regulations for fitness of universities and
colleges for Grants under section 12 B of the UGC Act 1956, Private University
Regulation, Deemed University Regulation].
4.2. The students are entitled to reasonable access to sports and
recreation facilities, avenues for literary, aesthetic and other
extra-curricular pursuits.
4.3. The student are entitled to reasonable attention to medical and heath
requirements including free and periodic health check-up and
treatment/hospitalization in case of medical emergencies.
4.4. The students are entitled to a reasonable access to adequate, clean
and hygienic hostel/residence accommodation that provides basic amenities
including recreational facilities. Such accommodation should be affordable and
must not be utilized by the institution for profit making. Accommodation meant
for students must not be encroached upon by the institution for any other
purpose.
4.5. Student with disability are entitled to access to all schemes,
facilities and services in the university without discrimination. The
college/university shall strive towards a universal design of learning based
curriculum that can address the needs of the broadest possible range of
students by minimizing barriers and maximizing learning for all students. The
college/university shall provide barrier free access, special library resources
(including Braille and ICT resources], provisions for sign language
interpreter/transcriber, the required equipments and electronic resources and
the required relaxation in examination to all students with disability. [Person
with Disabilities (Equal Opportunity, Protection of Rights and Full
Participation) Act, 1995; UGC D.O.No.F-6-1/2006(CPPII), F.No.6-1/2012(SCT)]
5. The students are entitled to non-discriminatory treatment (in the
sense of absence of harassment, victimization or exclusion) in every aspect of
institutional functioning. Any discrimination based on caste, gender, creed,
colour, race, religion, place of birth, political conviction, language and
disability shall be prohibited.
5.1. In particular, institutions shall not discriminate against students
belonging to Scheduled Caste and Scheduled Tribes and racial profiling of
students from any region or ethnic group. [UGC (Promotion of Equity in Higher
Educational Institutions) Regulations, 2012]
5.2. The students are entitled to protection from sexual harassment by
complaining to the Gender Sensitization Committees against Sexual Harassment.
It is mandatory for each college/university to constitute and publicize this
committee as per the Guidelines and norms laid down by the Hon’ble Supreme Court
[Vishaka and Others Vs. State of Rajasthan and Others(JT 1997 (7) SC 384)]
5.3. All students are entitled to protection from ragging in any form [UGC
(Curbing the Menace of Ragging) Regulation, 2009]
6. As democratic citizens, the students are entitled to freedom of
thought and expression within and outside their institution. The
college/university must allow space for free exchange of ideas and
public debate so as
to foster a culture of critical reasoning and questioning. College/university
authorities must not impose unreasonable, partisan or arbitrary restrictions on
organizing seminars, lecture and debates that do not otherwise violate any law.
7. The students are entitled to forming associations and unions, directly
electing their representatives to Students Unions and having their
representatives on the college/university decision making bodies including
internal quality assessment, grievance committees, Gender Sensitization
Committees against Sexual Harassment and the Academic/Executive council. University/colleges
shall evolve mechanisms for adequate consultations with students’
representatives before taking any major decision affecting the students.
8. The students are entitled to full and correct information about any
institution of higher education in which they study or propose to study.
Therefore, every college/university must disclose the following information on
its website and Prospectus: status of the institution, its affiliation,
accreditation rating, physical assets and amenities, membership of governing
bodies and minutes of the meetings of bodies like Academic/Executive council,
sources of income and the financial situation and any other information about
its functioning necessary for a student to make a fully informed choice.
[Section 4 (1) of Right to Information Act 2005]
9. The students are entitled to redressal of their grievance by the
Grievance Redressal Committee of the institution within 10 days of making a
representation. If they are not satisfied, they are also entitled to an appeal
to the Ombudsman of the University concerned for redressal within 30 days. [UGC
(Grievance Redressal) Regulations, 2012]
10. The UGC may issue instructions for proper implementation of these
Guidelines.
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